नाले में तब्दील हो चुकी मीठी नदी के कायाकल्प की योजना, खर्च होंगे ६०४ करोड़ रुपए.
मुंबई : नाले में तब्दील हो चुकी मीठी नदी के कायाकल्प की योजना मनपा ने तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत मीठी नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए मनपा ने सीवेज के पानी को रोकने का निर्णय लिया है। कुर्ला में मीठी नदी में मिलनेवाले दो नालों के दूषित पानी को ६.५ किमी अंडरग्राउंड टनल बनाकर धारावी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा।
मतलब सुरंग से नदी की रंगत बदल जाएगी। टनल के माध्यम से बापट नाले से ७८ एमएलडी और सफेद पुल नाले से ९० एमएलडी कुल मिलाकर १६८ एमएलडी सीवरेज पानी धारावी ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जाएगा।
इस परियोजना को पूरा करने के लिए करीब चार साल का समय लगेगा। यह टनल लगभग २.६ मीटर व्यास की होगी। इस योजना पर मनपा करीब ६०४ करोड़ रुपए खर्च करेगी।
वर्क ऑर्डर मिलने के बाद ठेकेदार को टनल का काम ४८ महीने (बरसात छोड़कर) में पूरा करना होगा। बता दें कि साल २००५ में आई बाढ़ से मीठी नदी में उफान की वजह से कई लोगों की जान चली गई थी। सैकड़ों घर बर्बाद हो गए थे। उसके बाद गठित कमेटी ने मीठी नदी की साफ-सफाई, गहराई एवं चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा दीवार बनाने का प्रस्ताव दिया था। उस प्रस्ताव के तहत यह सब काम हो रहा हैं।
मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि सफेद पुल नाला और बापट नाला सीधे मीठी नदी में जाकर मिलते हैं, जिसकी वजह से पूरी नदी दूषित हो रही है। वहीं इस परियोजना को मनपा की स्थायी समिति ने १४ महीने पहले ही हरी झंडी दिखा दी थी, जिसका टेंडर अब जारी किया गया है।
मीठी नदी को बेहतरीन तरीके से बनाने के लिए उसके पानी की सफाई, सुरक्षा दीवार का निर्माण, सौंदर्यीकरण, साइकिल ट्रैक जैसी कई शानदार परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। मीठी नदी की सफाई के लिए कुछ स्थानों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाए जाएंगे।
मनपा मीठी नदी का काम चार चरणों में कर रही है। टनल का कुछ भाग मैंग्रोव्ज एरिया से होकर गुजरेगा, जिसके लिए पर्यावरण विभाग की मंजूरी लेनी पड़ेगी। मनपा मीठी नदी की चौड़ाई और गहराई का काम ९५ फीसदी और ८० फीसदी सुरक्षा दीवार भी तैयार कर चुकी है।
