शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर ECI का बड़ा फैसला, कोई भी गुट ‘धनुष और तीर’ सिंबल का नहीं करेगा इस्तेमाल.

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शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर ECI का बड़ा फैसला, कोई भी गुट ‘धनुष और तीर’ सिंबल का नहीं करेगा इस्तेमाल.

ECI On Shiv Sena Symbol: शिवसेना के ‘धनुष और तीर’ के चुनाव चिन्ह को लेकर शिंदे और ठाकरे गुट में जारी खींचतान के बीच भारत के चुनाव आयोग ने बड़ा आदेश दिया है. आयोग ने शनिवार (8 अक्टूबर) को कहा कि अंधेरी पूर्व सीट के उपचुनाव में दोनों समूहों में से किसी को भी शिवसेना (Shiv Sena) के लिए आरक्षित ‘धनुष और तीर’ के चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

आयोग ने दोनों गुटों को इन उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से अलग-अलग चुनाव चिन्ह चुनने को कहा है. उद्धव और शिंदे गुट, दोनों को ही केंद्रीय चुनाव आयोग को 10 अक्टूबर तक नए चुनाव चिन्ह और अपने दल के नाम के बारे में बताना है जिनको वह इस अंतरिम आदेश के लागू रहने तक अपनाना चाहते हैं. 
दोनों गुटों को मिलेंगे नए नाम और चुनाव चिन्ह
दोनों गुटों से मिली जानकारी के आधार पर केंद्र चुनाव आयोग, दोनों को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा जो चुनाव आयोग के अंतिम फैसले तक जारी रहेगा. आगामी उपचुनाव के दौरान भी दोनों गुट उसी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ पाएंगे. 
उद्धव ठाकरे के खेमे ने बुलाई बैठक
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद रविवार (9 अक्टूबर) को दोपहर 12 बजे उद्धव ठाकरे गुट ने बैठक बुलाई है. ये बैठक मातोश्री पर होगी. इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. सूत्रों की मानें तो उद्धव ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. 
शिंदे गुट ने किया था दावा 
बता दें कि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. आयोग ने इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट को शनिवार तक इस पर जवाब देने के लिए कहा था. 
शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से 3 नवंबर को अंधेरी पूर्व सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया था ताकि चुनाव चिह्न के दुरुपयोग से बचा जा सके. साथ ही उन्होंने धनुष-बाण चुनाव चिन्ह उनको दिए जाने की मांग की थी. आयोग द्वारा अंधेरी (ई) उपचुनाव से पहले शिवसेना चुनाव चिन्ह (Shiv Sena Symbol) के इस्तेमाल पर रोक लगाने को ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि अब उन्हें अलग चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ना होगा. 

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