चरित्र पे शंका होने पर पत्नी को कुल्हाड़ी से काटा फिर सिर और धड़ को अलग-अलग स्थानों में गाड़ दिया

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चरित्र पे शंका होने पर पत्नी को कुल्हाड़ी से काटा फिर सिर और धड़ को अलग-अलग स्थानों में गाड़ दिया

शहडोल:-  जिले के थाना देवलोंद क्षेत्र के ग्राम हथडगरा में महिला की दो हिस्सो में मिली लाश मामले में आरोपित पति को पुलिस ने निवाड़ जिले के करेली से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बताया कि बीते 13 नवंबर को संतोष पटेल पुत्र स्व. मुन्नालाल पटेल 35 साल निवासी ग्राम करोदिया ने थाने में सूचना दिया कि उसका बड़ा भाई रामकिशोर पटेल अपनी पत्नी सरस्वती उर्फ बीना पटेल के साथ 12 नवंबर को सुबह 10.00 बजे कुल्हाड़ी लेकर जंगल में लकड़ी काटने गया था और दोनों वापस नहीं आये हैं। सूचना पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया और विवेचना शुरू किया। इस दौरान 15 नवंबर को शिकायतकर्ता ने बताया गया कि उसकी भाभी सरस्वती उर्फ बीना पटेल 37 साल 12 नवंबर को ग्राम हथडगरा में स्वेटर एवं साड़ी पहने पड़ी दिखी थी, जिसके पास में ही जमीन में कटा हुआ सिर एवं धड़ गड़ा है।

सूचना  मिलने पे पुलिस ने मौके पर जाकर देखा और जांच शुरू किया। वहीं आरोपित की गिरफ्तारी के लिए दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। एसपी ने बताया कि 37 वर्षीय महिला दो बच्चों की मां की निर्मम हत्या की गई, जिसका दो हिस्सों में शव मिला। जांच में प्रकरण में आये भौतिक एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया मृतका के पति रामकिशोर पटेल 40 साल निवासी कुदरीटोला ग्राम करोंदिया को घटना को अंजाम देना पाया जाने पर उसकी तलाश शुरू की गई। वह घटना के बाद से फरार था। आरोपित रामकिशोर पटेल को ग्राम भूमिका रही।
आरोपित पति को पुलिस ने किया गिरफ्तार
करेली जिला निवाडी से गिरफ्तार कर हिरासत में लेकर पूछताछ गई तो उसने ने पत्नी के चरित्र पर संदेह करने के कारणों का खुलासा करते हुए जंगल ले जाकर कुल्हाड़ी से पत्नी की हत्या करना एवं उसी दिन से फरार होना स्वीकार किया गया है। देवलोंद पुलिस ने प्रतिमा एस मैथ्यूज प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन एवं अनुविभागीय अधिकारी ब्यौहारी रविप्रकाश कोल के निर्देशन में कार्य करते हुए मामले पर कार्यवाही करने में सफलता प्राप्त किया। निरीक्षक थाना प्रभारी देवलोंद कलीराम परते, सायबर सेल प्रभारी सउनि(अ) अमित दीक्षित, सउनि शिवनारायण प्रजापति आरक्षक विनोद तिवारी, धीरेन्द्र भदौरिया एवं अजय वर्मा की इस मामले का खुलाशा करने में अहम भूमिका रही।

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