डीके शिवकुमार के खिलाफ दर्ज़ 19 मामले आड़े आए, सेकंड पोजिशन का ऑफर : सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे!
नई दिल्ली : कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार और दिग्गज नेता सिद्धारमैया के बीच CM पद का मुकाबला है. माना जा रहा है कि शिवकुमार के खिलाफ आपराधिक मामले सबसे बड़ी समस्या बन गए हैं.
इसी के चलते सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति जताई जा चुकी है और इस पर आज फैसला भी आ सकता हैं.
इसी के साथ खबरे ये भी आ रही हैं कि खड़गे के साथ क़रीब आधे घंटे चली मुलाक़ात के बाद शिवकुमार ने उप-मुख्यमंत्री बनने या सीएम पद साझा करने का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है.
ज्ञात हो कि डीके शिवकुमार ने जब अपना पहला चुनाव लड़ा था, तब उन्हें इसके लिए अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ी थी. लेकिन इसके बाद हर साल डीके की संपत्ति में इजाफा होने लगा. आज डीके शिवकुमार कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में शामिल हैं. डीके के पास करीब 1400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. यही वजह रही कि वो केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर आए हुए हैं.
वैसे कांग्रेस प्रमुख के सामने शिवकुमार ने ख़ुद को सीएम पद का स्वाभाविक हक़दार बताया है और कहा है कि सीएम न बना तो सामान्य विधायक ही रहूंगा,
परंतु आज ही कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. डीके शिवकुमार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी के आग्रह पर सुनवाई टाली गई है. उनकी ओर से ये टिप्पणी की गई कि फिलहाल दो- तीन दिन पब्लिसिटी से बचना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है. अगर सीबीआई चाहे तो वेकेशन बेंच में आ सकती है. दरअसल, डीके शिवकुमार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कर्नाटक हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश था. हाईकोर्ट में 23 मई को सुनवाई होनी है.
डीके शिवकुमार ने राज्य के मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षाओं को स्वीकार किया है. हालांकि, उनके खिलाफ आपराधिक मामले उनके अगले मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं में बाधा बन सकते हैं. डीके शिवकुमार के खिलाफ 19 मामले दर्ज हैं.
विदित हो कि : कर्नाटक के मौजूदा डीजीपी प्रवीण सूद 25 मई को सीबीआई डायरेक्टर का पद संभालेंगे. उनका कार्यकाल दो साल का होगा. वह मौजूदा प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल से पदभार लेंगे.
विदित हो कि डीके शिवकुमार ने एक बार कर्नाटक के वर्तमान डीजीपी प्रवीण सूद को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी थी। डीके शिवकुमार ने कहा था कि जब हम कर्नाटक में सत्ता में आएंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. ऐसे में अब कर्नाटक में सरकार बनते ही केंद्र सरकार ने प्रवीण सूद को सीबीआई का निदेशक नियुक्त कर दिया है.
निश्चित तौर पर प्रवीण सूद अगले दो साल तक सीबीआई निदेशक की भूमिका निभाने के साथ डी के शिवकुमार के खिलाफ़ भी एक्शन ले सकते हैं और अंदरखाने इसका डर कांग्रेस को सता भी रहा हैं, शायद इस वजह से भी शिवकुमार मुख्यमंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं.
डीके शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग कुछ मामलों में उनकी जांच कर रहे हैं. शिवकुमार पर आयकर विभाग ने 2017 में छापा मारा था. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नई दिल्ली में चार परिसरों में छापे के दौरान 8.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे, जो सीधे शिवकुमार से जुड़े थे. आईटी विभाग को नई दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में खरीदे गए तीन फ्लैट भी मिले, जो कथित तौर पर शिवकुमार से जुड़े थे.
आयकर विभाग ने 429 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब धन का पता लगाने का दावा किया था. आईटी विभाग ने नई दिल्ली में कर्नाटक भवन में कथित रूप से करीबी सहयोगी और कर्मचारी शिवकुमार, हौमनथैया और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. आयकर विभाग की तरफ से दायर चार्जशीट के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
ईडी ने 200 करोड़ रुपये के बेहिसाब धन की खोज करने का दावा किया है, जो कथित रूप से कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार का है. जांच एजेंसी के मुताबिक, उनके पास 20 बैंकों में डीके शिवकुमार के 317 खातों का ब्योरा है. एजेंसी ने कहा था कि इन खातों में 200 करोड़ रुपये से अधिक हैं. ईडी ने शिवकुमार की 800 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज बरामद करने का भी दावा किया है.
ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि जब डीके शिवकुमार से बेनामी संपत्तियों और बैंक खातों में बेहिसाब धन के बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने एजेंसी का सहयोग नहीं किया. 100 घंटे से ज्यादा वक्त की पूछताछ के बाद 3 सितंबर, 2019 को ईडी ने डीके शिवकुमार को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा वह नेशनल हेराल्ड मामले में भी जांच के दायरे में है, जिसमें वित्तीय जांच एजेंसी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी पूछताछ की थी.
ईडी और आईटी की सूचना के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2020 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. कई स्थानों पर भी तलाशी ली गई थी. इससे पहले, तत्कालीन बीजेपी सरकार ने सीबीआई को नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की अनुमति दी थी. डीके शिवकुमार से इस मामले में अभी तक सीबीआई ने पूछताछ नहीं की है.
