पथरी की बजाए डॉक्टरों ने बच्चेदानी का ऑपरेशन कर दिया डर के मारे डॉक्टर अस्पताल छोड़ भागे, महिला कि मौत!
Private Hospital निजी अस्पताल में डॉक्टरों की जरा सी लापरवाही के चलते एक महिला की जान चली गई। महिला पथरी के इलाज के लिए आई थी और डॉक्टरों ने उसकी बच्चेदानी निकाल दी। पथरी वहीं की वहीं रह गई। कुछ देर के बाद अचानक महिला की तबियत बिगड़ी और महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। मामला राजस्थान के चित्तौडगढ़ जिले का है। मामला सदर क्षेत्र में स्थित राशमी थाना इलाके का है।
पुलिस ने बताया कि परिजनों ने Hospital हॉस्पिटल के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। राशमी थाना अंतर्गत चटावटी गांव निवासी हजारी लाल गाडरी की पत्नी 40 वर्षीय रत्नी देवी को पेट दर्द की शिकायत थी। परिजनों की मानें तो पति हजारीलाल उसे लेकर 2 दिन पहले लक्ष्य हॉस्पिटल पहुंचा। जहां सोनोग्राफी में 3 एमएम की पथरी का पता चला। हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए रत्नी देवी को 29 मई को भर्ती कर लिया। Tuesday Evening मंगलवार शाम डॉक्टर्स की टीम ने रत्नीदेवी को ऑपरेशन थिएटर में ले लिया। लेकिन कुछ देर के बाद ही डॉक्टर एक एक कर ओटी से निकल गए और अपनी अपनी गाड़ियां लेकर अस्पताल से ही चले गए।
ऐसा होता देखकर परिवार के लोग आशकित हो उठे। कुछ समय बाद पता चला कि रत्नी देवी की मौत हो गई। पति हजारी का कहना था कि पथरी की बजाए डॉक्टरों ने बच्चेदानी का ऑपरेशन कर दिया। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गई। हॉस्पिटल के डॉक्टर यह देख कर मौके से फरार हो गए। पत्नी की मौत के बाद पति को सदमा लगा और वह बेहोश हो गया। वहीं परिवार के लोगों में रोना धोना मच गया।
सूचना पर परिवार और समाज के लोगों के साथ ही कुछ राजनीतिक लोग भी मौके पर पहुंचे और हंगामा कर दिया। वे लोग हॉस्पिटल के संचालक को बुलाने पर अड़े थे, लेकिन घटना के बाद कोई भी वहां नहीं पहुंचा। यहां तक कि संचालक सहित डॉक्टरों ने भी अपने फोन स्वीच ऑफ कर लिए। इससे लोगों में आक्रोश और भी बढ़ गया। सदर पुलिस थाने से सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंचे। परिवार के लोगों ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी। फिलहालए पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। आज बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद ही महिला की मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे। लाश को अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है। परिजनों का धरना देर रात से जारी है। मुआवजा और अन्य मांगें शुरू हो गई हैं। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त केस बनाने की तैयारी है।