फर्जी डॉक्टर इलाज करते हुए पकड़े गए, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 3 क्लीनिक सील किए हैं। जानिए पुरा मामला?

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फर्जी डॉक्टर इलाज करते हुए पकड़े गए, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 3 क्लीनिक सील किए हैं। जानिए पुरा मामला? 

आगरा के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नगला परसोति बोदला में 3 झोलाछाप के क्लीनिक सील किए हैं। ये मरीजों को इंजेक्शन-ड्रिप लगाते पकड़े गए। इनके पास चिकित्सकीय डिग्री नहीं थी। ये केवल इंटरमीडिएट पास हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी है।

सीएमओ डॉक्टर. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि झोलाछाप की दुकान चलाने की शिकायत मिलने के बाद डॉ. पीयूष जैन के नेतृत्व में टीम भेजी। टीम के छापे में तीनों झोलाछाप मरीजों का इलाज करते मिले। क्लीनिक-हॉस्पिटल का पंजीकरण और चिकित्सकीय डिग्री नहीं थी। इनके यहां से एंटीबायोटिक दवा, इंजेक्शन, बुखार-खांसी के सिरप समेत कई तरह की दवाएं भी मिली हैं। ये मरीजों को इंजेक्शन लगाने से लेकर ड्रिप तक चढ़ाते थे। सर्जरी भी करते थे। दुकान सील करते हुए नोटिस दिया है। मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। उनसे तीन दिन में संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं।
डिग्री और पंजीकरण नहीं, सभी इलाज का दावा


झोलाछाप के पास भले ही चिकित्सकीय डिग्री नहीं थी, लेकिन सभी इलाज की गारंटी दे रहे थे। बाकायदा इसके लिए बोर्ड पर लिख भी रखा था। फूलमाला हॉस्पिटल और अंजलि हॉस्पिटल के बोर्ड पर चर्म रोग, बवासीर, भगंदर, फिशर, निमोनिया, बुखार, डायरिया समेत अन्य बीमारियों का गारंटी से इलाज करने का दावा लिखा था।
सर्जरी और ड्रेसिंग का सामान भी मिला
झोलाछाप की दुकान पर इलाज की रेट लिस्ट चस्पा थी। वहां सर्जरी भी की जाती थी। अपंजीकृत चिकित्सक सेल के नोडल अधिकारी डॉ. पीयूष जैन ने बताया कि दुकान में सर्जरी और ड्रेसिंग का सामान भी मिला है। यहां बवासीर और भगंदर का ऑपरेशन भी किया जाता था।
बिना बोर्ड के देख रहा था मरीज
नगला परसोती में टीम ने एक घर में बनी दुकान में दो मरीज मिले। दुकान पर कोई बोर्ड नहीं लगा था। यहां सुरजीत कुमार इलाज कर रहा था। टीम के पूछने पर खुद को हाईस्कूल पास बताया। इंटर कभी पास तो कभी फेल के बारे में बताता। अलमारी में दवाएं भरी हुई थीं। बायोमेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा था।
फूलमाला हॉस्पिटल
बोर्ड पर डाॅ. बंगाली और इसके नीचे डॉ. मलकर लिखा था। अंदर कुलदीप नामक झोलाछाप मरीजों का इलाज कर रहा था। सात मरीज मिले। यहां बेड भी थे। इसमें बच्चों को ड्रिप लगाने की तैयारी चल रही थी। इसकी पत्नी नर्स है। सिरप, एंटीबायोटिक दवा और एस्टोरायड दवाएं भी मिलीं।

अंजलि क्लीनिक

बोर्ड पर डॉ. राय बंगाली का नाम दर्ज था। यहां दो मरीज इलाज कराते मिले। संदीप कुमार नामक युवक मरीजों का इलाज कर रहा था। पूछने पर उसने बताया कि वह स्नातक कर रहा है। पढ़ाई के साथ मरीज भी देख लेता है। अलमारी में दवाएं भरी हुई थीं। बायोमेडिकल वेस्ट भी 

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