गर्दन से आर-पार हुआ चाकू,उसी हालत में 160किलोमीटर दूर आया, इंदौर एमवाय में 12 डॉक्टरों की टीम ने 2 घंटे सर्जरी कर बचाई जान

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गर्दन से आर-पार हुआ चाकू,उसी हालत में 160किलोमीटर दूर आया, इंदौर एमवाय में 12 डॉक्टरों की टीम ने 2 घंटे सर्जरी कर बचाई जान

इंदौर के एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर एक किसान की जान बचा ली। किसान को जब खरगोन से इंदौर लाया गया तो उसे देख डॉक्टर भी सन्न रह गए। किसान की गरदन में एक चाकू आरपार घुसा हुआ था। किसान को यह चाकू खरगोन से आगे बिस्टान में लगा था जो कि इंदौर से 160 किलोमीटर दूर है।

रीढ़ की हड्‌डी और दिमाग की नस के पास घुसे हुए चाकू को निकालने के लिए एक दर्जन डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे से ज्यादा समय तक सर्जरी की। हालांकि एमवाय अस्पताल में पहले भी आदिवासी इलाकों के ऐसे कई मरीज आ चुके हैं, जिनके शरीर से तीर या अन्य धारदार हथियार निकाले गए हैं।
लेकिन चाकू गरदन के आरपार हो जाने का शायद यह अपने आप में पहला ही मामला था। 
खरगोन जिले के बिस्टान के रहने वाले 38 वर्षीय दशरथ पटेल गुरुवार शाम अपने खेत से लौट रहे थे। इस दौरान लूट की नीयत से आए चार बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। इनमें से एक बदमाश ने चाकू का भरपूर वार दशरथ की गरदन पर बाएं हाथ की तरफ से किया। वार इतना घातक था कि चाकू गरदन के आरपार हो गया।
इस पर दशरथ ने ऊपर से चाकू पकड़ लिया। हालांकि इसके बाद बदमाश भाग निकले। सूचना मिलने के बाद किसान के परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और देर रात एमवाय अस्पताल लाए। उसकी हालत देख डॉक्टर भी सन्न रह गए। दरअसल चाकू को जरा सा भी हिलाने पर उसकी जान को खतरा हो सकता था।
यहां डॉक्टरों ने सबसे पहले उसके ब्लड, एक्सरे, सीटी स्कैन सहित सारी जांचें कराई। इसमें पता चला कि चाकू रीढ़ की हड्‌डी और सिर की नस के पास घुसा हुआ है। चूंकि मामला न्यूरो से भी जुड़ा था इसलिए सर्जरी, न्यूरो, एनीस्थीशिया सहित संबंधित विभागों की टीम को सूचना दी गई। रात में ही एक दर्जन डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी की। यह सर्जरी करीब दो घंटे चली। जिसमें चाकू निकालकर किसान की जान बचा ली गई।
यह थी मरीज की जान बचाने वाली डॉक्टरों की टीम
रात को डॉ. अरविंद घनघोरिया के नेतृत्व में डॉ. अरविंद शुक्ला, असिस्टेंट प्रो. डॉ. अविनाश गौतम, असिस्टेंट प्रो. डॉ. अंकित चोरमा, सीनियर रेसिडेंट डॉ. सारांशी श्रीवास्तव, डॉ. प्रियांश चौहान, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. अकिन्चन जैन, डॉ. असलम पटेल, न्यूरो सर्जन डॉ. परेश सोंधिया, डॉ. राकेश रघुवंशी तथा एनीस्थीशिया विभाग की डॉ. निधि शर्मा की टीम ने सर्जरी की। इसमें सिर की नसों व मांसपेशियों का खास तौर पर ध्यान रखा गया जिससे यह सर्जरी सफल हो सकी।

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