मणिपुर में दिखा अमित शाह की अपील का असर, भारी मात्रा में हथियार सरेंडर कर रहे लोग

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मणिपुर में दिखा अमित शाह की अपील का असर, भारी मात्रा में हथियार सरेंडर कर रहे लोग

हिंसाग्रस्त मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील का असर दिखने लगा है। भारी मात्रा में लोग लूटे हुए हथियार और गोला- बारूद सरेंडर कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह से ही राज्य के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में लोग चोरी के हथियार सरेंडर करके जा रहे हैं। मणिपुर पुलिस ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर 140 हथियार सौंपे गए हैं।

पूर्वोत्तर के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद अमित शाह राजधानी दिल्ली लौट आए हैं। दिल्ली आने से पहले उन्होंने राज्यभर में दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि राज्य में हथियारों की जब्ती के लिए पुलिस शुक्रवार से जांच अभियान चलाएगी।
शाह की अपील के 24 घंटे के भीतर भारी मात्रा में हथियार सरेंडर किए गए हैं। मणिपुर पुलिस ने बताया कि सरेंडर किए गए 140 हथियारों में एसएलआर 29, कार्बाइन, एके, इंसास राइफल, इंसास एलएमजी,. 303 राइफल, 9 एमएम पिस्टल, . 32 पिस्टल, एम16 राइफल, स्मोक गन और आंसू गैस, स्थानीय निर्मित पिस्तौल, स्टन गन, मोडीफाइड राइफल, जेवीपी और ग्रेनेड लांचर शामिल हैं।
बता दें कि सेना और पुलिस हिंसा प्रभावित मणिपुर में शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों को बरामद करने के लिए तलाशी अभियान चला रही है। अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन द्वारा निगरानी और सुरक्षा बलों की तैनाती भी जारी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि उन्हें (हथियारों को) वापस लाने के लिए आवश्यक होने पर बल प्रयोग भी किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जवानों को दो युद्धरत जातीय समुदायों के बीच “बिल्कुल तटस्थ ” रहने के सख्त निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने और राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में शाह ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की।

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