आरोपों के चलते AAP के राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड किया गया, और संजय सिंह का निलंबन भी बढ़ा।

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आप सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक “नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण” के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. आप के एक अन्य सांसद संजय सिंह के निलंबन की अवधि भी तब तक बढ़ा दी गई जब तक कि विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ शिकायतों पर फैसला नहीं कर लेती.

उनका निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के लिए प्रस्तावित चयन समिति में उच्च सदन के चार सदस्यों के नाम शामिल करने के लिए AAP नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया.

चड्ढा ने गुरुवार को आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने उन्हें निशाना बनाया क्योंकि वह यह स्वीकार नहीं कर सकती कि एक 34 वर्षीय सांसद ने उनके सबसे बड़े नेताओं पर हमला किया.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को निलंबित करने की घोषणा की. प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्य सभा से निलंबित रहेंगे.

बुधवार को राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया कि सभापति को सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं. जिसमें उन्होंने 7 अगस्त को एक प्रस्ताव लाकर प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के उल्लंघन में उनकी सहमति के बिना उनके नाम सहित अन्य बातों के लिए राघव चड्ढा पर विशेषाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाया था.

आम आदमी पार्टी ने जारी किया प्रेस नोट सांसद राघव चड्डा का निलंबन कथित उल्लंघन मामले में अपना बचाव करने हेतु कल की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के कारण हुआ.

कहीं भी पीयूष गोयल के निलंबन प्रस्ताव या विशेषाधिकार समिति द्वारा दिए गए नोटिस में इन शब्दों का उल्लेख नहीं है – जालसाजी या नकली, हस्ताक्षर, फ़र्ज़ीवाड़ा आदि. इसमें इस आशय का दूर- दूर तक कोई आरोप नहीं है. इसलिए, क्योंकि किसी भी जालसाजी या नकली हस्ताक्षर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. मीडिया से अनुरोध है कि वे इसका उपयोग करने से बचें अन्यथा हम कानून के अनुसार कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे.

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