“नीरज चोपड़ा, भारत के प्रमुख जैवलिन थ्रोअर, एक बार फिर अत्यधिक सफलता प्राप्त की है। जर्मनी में आयोजित ज्यूरिख डायमंड लीग में उन्होंने 85.71 मीटर के थ्रो से सिल्वर मेडल जीता। हालांकि, नीरज इस घड़ी के पूरे इवेंट में वह प्रमुखता नहीं दिखा पा रहे थे, क्योंकि उनके चेहरे पर थकान स्पष्ट थी। पांच प्रयासों में से, उन्होंने तीन बार फाउल किए, फिर चौथे प्रयास पर उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।
ज्यूरिख डायमंड लीग में स्वर्ण मेडल चेक गणराज्य के याकूब वालडेच ने अपनाया, जिन्होंने 85.86 मीटर के थ्रो का प्रदर्शन किया। जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो में 85.04 मीटर का उत्तरदायी ब्रॉन्ज मेडल जीता। महत्वपूर्ण बात है कि नीरज ने विश्व चैंपियन बनने के चार दिन बाद ही इस सीज़न में अपना पहला सिल्वर मेडल जीता है। इससे पहले, उन्होंने जिस प्रतियोगिता में भाग लिया, उसमें वह तीनों में स्वर्ण जीत चुके थे।
ज्यूरिख लीग के बाद, डायमंड लीग का फाइनल 16 और 17 सितंबर को यूजीन, अमेरिका में होने की योजना है। नीरज ने पिछले साल ज्यूरिख में डायमंड लीग का फाइनल जीता था। इसी बीच, अन्य भारतीय जैवलिन थ्रोअर जो यूजीन में छह स्थान पर थे, वे भी फाइनल के लिए प्रमाणित हुए हैं, जिससे एक रोमांचक प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार है।
नीरज चोपड़ा ने पूर्व में अपने दूसरे प्रयास पर 88.17 मीटर के थ्रो के साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2023 के भाला फेंक इवेंट में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था, जो भारत के खेल क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि का संकेत था। इस जीत ने उन्हें इस श्रेणी में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बना दिया, भारतीय एथलेटिक्स में इतिहास को नया रूप दिलाया। नीरज से पहले, 2003 में लॉन्ग जम्प श्रेणी में अंजू बॉबी जॉर्ज ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।”