“13 लाख ग्रामीण लोगों के घर की प्रतीक्षा; केंद्र बिहार की PMAY-G की मांग पर ध्यान नहीं देता: मंत्री”
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों की कमी के बारे में चिंता जताने वाले एक मंत्री ने बताया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत 13 लाख ग्रामीण लोग अभी भी घरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और केंद्र सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है।
PMAY-G एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे के ग्रामीण परिवारों को सस्ते और आवासीय घरों का लाभ पहुंचाना है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर और विकलांग वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है।
मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने PMAY-G के तहत घरों की वितरण की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी मांग को अनदेखा किया है। उन्होंने इसे एक गंभीर समस्या बताया है और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरों की कमी के कारण लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुद्दे पर बहस करते हुए मंत्री ने कहा कि वितरण प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है ताकि जिन लोगों को घर की आवश्यकता है, वे जल्दी ही इसका लाभ उठा सकें।
PMAY-G एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की सामाजिक और आर्थिक सामर्थ्य को बढ़ाना है। इसके माध्यम से गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों को सस्ते और आवासीय घरों का लाभ पहुंचाया जा रहा है। बिहार में इसके तहत घरों की वितरण की मांग को लेकर हो रही बहस यह दिखाती है कि इस योजना की प्राधिकृता और कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता हो सकती है।
समापक रूप से, इस खबर से स्पष्ट होता है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों की कमी एक महत्वपूर्ण समस्या है और सरकारों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। PMAY-G जैसी योजनाओं को तेजी से लागू करके ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी आवास की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करना आवश्यक है |