यह खबर गंगा पुल के निर्माण प्रक्रिया के दौरान हुआ एक महत्वपूर्ण घोटाले के बारे में है। इसमें बलिया जिले में घोटाले के 18 करोड़ रुपए का शोर मच गया है।
इस घोटाले का पता चलने के बाद, स्थानीय प्रशासन और पुल निर्माण कंपनी के खिलाफ कठिन कदम उठाए गए हैं। इसमें पुल के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए हैं, जिससे इस प्रोजेक्ट को समालोचना के लिए खुला बचा है।
घोटाले के खुलने के बाद, जनता में आक्रोश और चिंता की बदहाली हो रही है। लोगों का आरोप है कि इस घोटाले के पीछे कुछ बड़े लोग हैं जो पैसों को अपने खातों में डाल रहे हैं और प्रोजेक्ट को बिगाड़ रहे हैं।
स्थानीय पुल निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच आयोग के खिलाफ भी आपत्ति है, और उन्हें घोटाले के संबंध में जवाब देने की मांग की जा रही है।
यह घोटाला गंगा पुल के निर्माण प्रक्रिया में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और लोगों के विश्वास को हिला सकता है। इसके बारे में जांच की मांग की जा रही है, ताकि घोटाले के पीछे के सच्चाई का पता चल सके और दोषियों को सजा दी जा सके।