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बायजू’स ने दावा किया जा रहा है कि उन्होंने संदर्भित रूप से 4,400 करोड़ रुपये के फंड को संरक्षित किया जब वे संयंत्र की भूमिका निभा रहे थे जब वे संयंत्र की भूमिका निभा रहे थे। इस खबर के मुताबिक, यह संकेतकार गतिविधियों की बड़ी और साहसी तस्वीर पेश करते हैं, जिसमें एक संयंत्र की जगह संयंत्र ने अमेरिका के एक पैंकेक शॉप से काम किया।
यह रिपोर्ट सोमवार को आई है, और इसमें दावा किया जा रहा है कि बायजू’स ने जब वे अमेरिका में विदेशी शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा था, तब 2018 में लोन लिया और उन्होंने इस लोन के पैसों को गुप्त रूप से संरक्षित किया। जोड़ते गए डोक्यूमेंट्स के मुताबिक, इन फंड्स को एक पैंकेक शॉप के नाम पर एक फ्रंट कंपनी के खाते में छिपाया गया था।
इस मामले के संदर्भ में, एक रिपोर्ट द्वारा दावा किया जा रहा है कि बायजू’स के संस्थापक रवींद्रन एनजी और दूसरे अधिकारी गोकुलन के साथ-साथ कई अन्य लोगों को इस मामले में शामिल किया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा जाता है कि इन फंड्स को छिपाने का मकसद, सरकार की नजर से करोड़ों डॉलर के लोन को विफल बनाना था, क्योंकि यह लोन स्वीकार्य नहीं था और बायजू’स के लिए संचालित करणे के लिए उचित नहीं था।
इस मामले के साथ ही, बायजू’स के पास बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं का समर्थन है और यह एक प्रमुख शिक्षा और शिक्षा संगठन के रूप में विकसित हो चुका है। वे विश्वभर में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहे हैं और विभिन्न विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
इस मामले के बगैर, बायजू’स का एक महत्वपूर्ण योगदान है और वे भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव का हिस्सा बन चुके हैं। इसलिए, इस मामले का पूरा सच और सबूतों की आवश्यकता है, और इसका संचालन नियामकीय प्रक्रियाओं के अनुसार होना चाहिए।इस समय, इस मामले की जाँच जारी है और सभी पक्षों को उनकी पक्ष रखने और सच्चाई का पता लगाने का मौका देना चाहिए। तब ही हम इस मामले के सच और समय के साथ समझ सकेंगे।