मणिपुर संकट के बीच, प्राधिकृतियों ने इम्फाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम के जिलों में पूर्ण कर्फ्यू लागू किया है। इस निर्णय को राज्य के अंदर बढ़ रहे नागरिक असहमति और उपद्रवों के बढ़ते हुए आलोबलो के कारण प्रोत्साहित किया गया है। पूर्ण कर्फ्यू का लागू होना यह सूचित करता है कि व्यक्तियों और वाहनों की गतिशीलता पर एक व्यापक प्रतिबंध है, जिससे इन क्षेत्रों में सामान्य जीवन को पूरी तरह से ठप कर दिया गया है।मणिपुर संकट के दौरान कई प्रदर्शन, प्रदर्शन और सामाजिक-राजनीतिक असहमति के दौरान हुई हैं, जिनकी मुख्यत: अधिक स्वायत्तता की मांगों और पुरानी शिकायतों के पता चलता है। राज्य सरकार, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से, यह कर्फ्यू लागू करने का निर्णय उपद्रव को दबाने और तनाव के और तेजी से बढ़ने से बचाने के रूप में एक उपाय के रूप में लिया है।इस कर्फ्यू के तहत, निवासियों को अपने घरों में रहने के लिए कर दिया गया है, और सभी गैर-आवश्यक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। विशेष रूप से, शिक्षा संस्थान, वाणिज्यिक संस्थानों और सार्वजनिक जमा-जबमेंन को पूरी तरह से प्रतिषेधित किया गया है। केवल आवश्यक सेवाएँ, जैसे की हेल्थकेयर सुविधाएँ और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें, इस निर्धारित अवधि के दौरान अपने परिचालन को जारी रखने की अनुमति है।पूर्ण कर्फ्यू की शुरुआत ने स्थानीय जनसंख्या से विभिन्न प्रतिक्रियाएं प्राप्त की हैं। हालांकि कुछ व्यक्तियों को इसे शांति और स्थिरता को पुनर्स्थापित करने का एक अत्यंत आवश्यक कदम माना जा रहा है, दूसरे लोग अपने दैनिक जीवन और आर्थिक पुर्स्वों पर इसके प्रभाव के संदेह व्यक्त करते हैं। विशेष रूप से व्यापारों को अपने सामान्य परिचालन के अवरोधों के परिणामस्वरूप आने वाली आर्थिक कठिनाइयों की आशंका है।सरकारी अधिकारी स्थिति की निगरानी में जागरूक हैं और स्थितियों के अनुसार कर्फ्यू को बढ़ाने या समायोजित करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जनता से इन प्रतिबंधों के साथ सहयोग करने की अपील की है और इन निर्देशों का पालन करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की वर्दी बढ़ाई है।संक्षेप में, मणिपुर संकट के संदर्भ में इम्फाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम में पूर्ण कर्फ्यू का लागू होना सरकार के आत्मसमर्पण को पुनः स्थापित करने और क्षेत्र में शांति को बनाए रखने की इच्छा को प्रकट करता है। आगामी दिनों में इस स्थिति की एवंगिन गतिशीलता को मूल्यांकन करने के लिए इस उपाय की प्रभावकारिता की निगरानी की जाएगी।