दक्षिण मुंबई के कोलाबा में स्थित लोकप्रिय रेस्टोरेंट बड़े मियां (Bademiya) एक बार फिर सुर्खियों में है। बुधवार को महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अधिकारियों ने इस पर छापा मारकर इसे सील कर दिया। सूत्रों के मुताबिक साफ-सफाई के बारे में आई शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि रेस्टोरेंट के किचन में कॉकरोच और चूहे पाए गए हैं। 76 साल पुराने इस रेस्टोरेंट के पास FSSAI का लाइसेंस भी नहीं था । इस रेस्टोरेंट का सफर कोलाबा में कबाब की छोटी-सी दुकान से शुरू हुआ था और आज यह मुंबई का जाना-माना रेस्टोरेंट है। देश की आजादी से पहले शुरू हुआ यह रेस्टोरेंट आज इतना खास बन गया है कि कई जानी-मानी हस्तियां यहां के जायकों का लुफ्त उठाने आती हैं।
बड़े मियां की शुरुआत मोहम्मद यासीन ने 1946 में कबाब की एक छोटी दुकान के रूप में हुई थी । यासीन 13 साल की उम्र में बिजनौर से मुंबई आए थे और 17 साल की उम्र में उन्होंने कोलाबा में ताज होटल के पीछे कबाब की दुकान खोली थी। यासीन के गुरु हजरत मोहम्मद आदम चिश्ती ने उन्हें गिफ्ट के तौर पर 20 रुपये दिए थे और यासीन ने इन पैसों से कबाब कॉर्नर शुरू किया। यासीन दाढ़ी रखते थे और वहां आने वाले लोग प्यार से उन्हें मियां कहकर बुलाते थे। जब उनकी दाढ़ी बढ़ गई तो लोगों ने उन्हें बड़े मियां कहना शुरू कर दिया। इस तरह यासीन की दाढ़ी के साथ उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई ।