राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी का मूल पाठ

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दो दिन से अत्यंत महत्वपूर्ण इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा हो रही है। करीब 132 माननीय सदस्यों ने दोनों सदन में मिलाकर के बहुत ही सार्थक चर्चा की है और भविष्य में भी इस चर्चा के एक-एक शब्द आने वाली हमारी यात्रा में हम सबको काम आने वाला है और इसलिए हर बात का अपना एक महत्व है, मूल्य है। मैं सभी माननीय सांसदों ने अपनी बात के प्रारंभ में तो पहले ही कहा है कि हम इसका समर्थन करते हैं और इसके लिए मैं सबका हृदय से अभिनंदन करता हूँ, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। ये जो स्पिरिट पैदा हुई है, ये स्पिरिट देश के जन-जन में एक नया आत्‍मविश्‍वास पैदा करेगा और हम सभी माननीय सांसदों ने और सभी राजनीतिक दलों ने एक बहुत बड़ी अहम भूमिका निभाई है। नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान, सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसा नहीं है। इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्‍ति को एक नई ऊर्जा देने वाली है। ये एक नए विश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में नेतृत्व के साथ आगे आएगी, ये अपने आप में भी हमारे उज्ज्वल भविष्‍य की गारंटी बनने वाली है। 

आदरणीय सभापति जी,

मैं इस सदन का समय ज्यादा लेता नहीं हूँ। मैं सिर्फ जो भावना आपने व्यक्त की है, उसके लिए आभार व्‍यक्‍त करता हूँ और जब मतदान होगा तो मेरा आप सबसे आग्रह है कि ये उच्‍च सदन है, चर्चा भी उत्तम करने का प्रयास हुआ है और मतदान भी सर्वसम्मति से करके हम देश को एक नया विश्वास दें। इसी अपेक्षा के साथ मैं फिर एक बार सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ।

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