मद्रास हाईकोर्ट द्वारा अब तक तमिलनाडु के केवल 35 रेलवे स्थानों पर ही सीसीटीवी कवरेज के संकेत पर असंतुष्टि व्यक्त की गई है। यह अवैध गतिविधियों और सुरक्षा संकटों के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव हो सकता है, और यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समस्या का मुद्दा बन सकता है।
सीसीटीवी कैमरों का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा में विशेष महत्वपूर्ण होता है, खासकर रेलवे स्थानों पर, जहां लाखों यात्री रोज़ाना यात्रा करते हैं। इन कैमरों के माध्यम से यात्री सुरक्षित महसूस करते हैं और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती है।
मद्रास हाईकोर्ट की असंतुष्टि का अर्थ है कि सीसीटीवी कवरेज को विस्तारित करने में देरी हो रही है, जिससे सुरक्षा स्तर कमजोर हो सकता है। इसके बावजूद कि स्वाति हत्याकांड के सात वर्षों बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है, यह संदेह करता है कि सरकार को इस पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
इस विचार में मद्रास हाईकोर्ट ने सीसीटीवी कवरेज के विस्तार के लिए त्वरित क्रियान्वयन की मांग की है, जिससे यात्री सुरक्षित रह सकें और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सके।
इसके अलावा, इस मामले में सीसीटीवी कवरेज के मामले में सरकार को जल्दी कदम उठाने की सलाह देता है, ताकि सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और यात्री सुरक्षित रह सकें।