स्पाइसजेट ने ₹231 करोड़ के देयकों को सुलझाने के लिए शेयर जारी किए हैं। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय एविएशन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद यह सेक्टर अत्यधिक प्रभावित हुआ था।
स्पाइसजेट, जो एक प्रमुख भारतीय एयरलाइन है, अपने विमानों को लीज पर देती है और इसलिए उनके पास विमानों की मालिकाना अधिकार नहीं होते हैं। इसके बावजूद, उन्हें अपने ₹231 करोड़ के बकाया को चुकाने के लिए लीजर्स को शेयर देने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि वे अपने लीज पर विमानों की पूरी या आंशिक संपत्ति को बेचने के लिए तैयार हैं।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य स्पाइसजेट के लिए वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है। कोविड-19 महामारी ने एयरलाइन उद्योग को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे उनके कर्ज और देयक बढ़ गए।
शेयर जारी करने के माध्यम से, स्पाइसजेट अपने देयकों को सुलझाने के लिए नए पूंजी स्रोतों का प्राप्त कर सकती है और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकती है।
विमान लीजर्स के साथ शेयर व्यापार करने का यह प्रस्ताव एक आदर्श प्रतिबंध का भी है, क्योंकि इससे स्पाइसजेट को नए विमान खरीदने और प्रशासनिक खर्चों को कम करने का अवसर मिल सकता है। इसके साथ ही, यह स्पाइसजेट की सुधारी वित्तीय स्थिति को दरियाभर में एक स्ट्रॉन्ग प्लेयर के रूप में स्थिति मिल सकता है।
कुल मिलाकर, स्पाइसजेट का इस कदम से आशा है कि वे अपने वित्तीय दबावों का समर्थन करने में सफल रहेंगे और भारतीय एयरलाइन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मॉडल साबित होंगे।