इस लेख में जिक्र किया गया है कि आरबीआई (RBI) के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) का महत्वपूर्ण भूमिका है, जो इस हफ्ते डी-स्ट्रीट की भावना पर प्रभाव डाल रहा है। डी-स्ट्रीट से तात्पर्य वित्तीय बाजार से है, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) का काम होता है ब्याज दरों और नीतियों को निर्धारित करना, जिसका सीधा असर बैंकों की वित्तीय पॉलिसी और वित्तीय बाजारों पर पड़ता है। इसलिए, आरबीआई के MPC के निर्णय और नीतियों का डी-स्ट्रीट पर बड़ा प्रभाव होता है।
यदि MPC ब्याज दरों में बदलाव करता है, तो यह वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों की भावना पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
इस लेख में यह भी बताया गया है कि क्रूड तेल भी डी-स्ट्रीट की भावना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। क्रूड तेल के मूल्य में बदलाव भी वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकता है और निवेशकों की भावनाओं को मोड़ सकता है।
इस प्रकार, इस लेख में डी-स्ट्रीट की भावना को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की गई है, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय वित्तीय बाजारों पर हो सकता है।