गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 10 वर्षों के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ एक ऐतिहासिक अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किया

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रक्षा मंत्रालय ने आज (15 दिसंबर 2023) 10 साल की अवधि के लिए भारतीय सेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पुणे के साथ एक ऐतिहासिक अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस अनुबंध की कुल लागत 5,336.25 करोड़ रुपये है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ विज़न के हिस्से के रूप में, ‘भारतीय उद्योग द्वारा भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद के निर्माण’ के तहत गोला-बारूद खरीद के लिए इस अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो 10 वर्षों की दीर्घकालिक आवश्यकता के लिए एक सरकारी पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य आयात को कम करने के लिए गोला-बारूद के भंडार का निर्माण करना, गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को हासिल करना तथा युद्ध सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली बाधा के असर को दूर करके गोला-बारूद के भंडार को सुरक्षित करना है।

इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ मध्यम से भारी तोपखाने की तोपों का एक अभिन्न अंग हैं, जो सैन्य अभियानों के लिए निरंतर तोपखाने की मारक क्षमता प्रदान करते हैं। फ़्यूज़ को तोपखाने की तोपों में उपयोग के लिए खरीदा जाएगा, जो उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रकार के इलाकों में घातक हमले करने में सक्षम हैं।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ का निर्माण अपने पुणे और अपने नए नागपुर संयंत्र में करेगा। यह परियोजना डेढ़ लाख मानव दिवसों के लिए रोजगार पैदा करेगी और गोला-बारूद निर्माण में एमएसएमई सहित भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और देश में गोला-बारूद विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को व्यापक बनाएगी।

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