राज्य विधानसभा में उठा नवजात शिशुओं की मौत का मुद्दा, मंत्री करेंगे ठाणे अस्पताल का दौरा

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ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में 21 नवजात बच्चों की मौत की खबर कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार (5 जुलाई) को महाराष्ट्र विधानसभा में यह मुद्दा उठा और अब राज्य के एक मंत्री अस्पताल का दौरा करेंगे और सदन में बयान पेश करेंगे। एफपीजे ने नवजात बच्चों की मौत की खबर को अपने 5 जुलाई के संस्करण के पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है।

एफपीजे के संवाददाता एस बालकृष्णन और प्रशांत नार्वेकर ने पाया कि पिछले महीने कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 21 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।

इससे भी ज़्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि ये मौतें अस्पताल के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में हुई। यह वही अस्पताल है जिसमें दिसंबर 2023 में एक ही दिन में 18 मौतें दर्ज की गई थीं।

मामला राज्य विधानसभा तक पहुंचा

शुक्रवार को कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने महाराष्ट्र विधानसभा में यह मामला उठाया था। अब राज्य के मंत्री उदय सामंत ने आश्वासन दिया है कि वह अस्पताल का दौरा करेंगे और सदन में बयान के ज़रिए रिपोर्ट पेश करेंगे। <

कलवा ठाणे जिले का हिस्सा है, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गृह क्षेत्र है। अभी तक उनकी ओर से कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है।

भयावह आंकड़ों की जांच करते हुए एफपीजे के पत्रकारों ने अस्पताल के डीन डॉ. राकेश बारोट से बात की। उन्होंने पुष्टि की कि पिछले महीने अस्पताल में 21 नवजात शिशुओं की मौत हुई थी।

उन्होंने दावा किया कि इनमें से अधिकतर बच्चे जब अस्पताल लाए गए थे तब उनकी हालत पहले से ही गंभीर थी और निजी अस्पतालों में उन्हें बचाने के प्रयास विफल हो गए।

डॉ. जयेश पनोट ने एफपीजे पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अधिकांश चिंतित बच्चे वे थे जिन्हें जन्म के तुरंत बाद के सुनहरे पल में उपचार नहीं मिला। जब तक बच्चे हमारे अस्पताल में भर्ती होते हैं, तब तक कीमती समय पहले ही बर्बाद हो चुका होता है और उन्हें बचाने के लिए चिकित्सकीय रूप से बहुत कम किया जा सकता है।

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