बड़ी खबर
आज सर्वोच्च न्यायालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम की वैधानिकता के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं सहित कई अहम मुद्दों पर होनी है सुनवाई …….
लगभग 2 वर्षों से लंबित इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस यूयू ललित और एस रवींद्र भट की पीठ करेगी सुनवाई …….
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार 220 याचिकाएं इस पीठ के सामने की गई हैं सूचीबद्ध …….. इसके साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट 200 से भी अधिक जनहित याचिकाओं पर कर सकता है सुनवाई …….
*बताते चले की सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को हुई सुनवाई में सीएए पर रोक लगाने से कर दिया था मना …….सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जनवरी ….. 2020 के दूसरे सप्ताह तक अपना पक्ष रखने को कहा था ……..लेकिन फिर कोरोना की वजह से टलती गई थी आगे की सुनवाई*………
गौरतलब है की सीएए के तहत पड़ोसी देशों पाकिस्तान…. अफगानिस्तान व बांग्लादेश से 31 दिसंबर…. 2014 या उससे पहले भारत आए गैर-मुस्लिमों हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी को दी जा सकती है भारत की नागरिकता ……..इस कानून का हुआ था भारी विरोध …… लेकिन केंद्र सरकार ने अपने फैसले को वापस लेने से कर दिया था इंकार…….
*सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में राजद नेता मनोज झा, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने जहां सीएए की संवैधानिकता को दी है चुनौती …. वहीं एक याचिकाकर्ता आईयूएमएल ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार का करता हैं उल्लंघन और अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का रखता है इरादा* …….
*वी द वीमन ऑफ इंडिया की* *एक अन्य याचिका घरेलू हिंसा पीड़िताओं के मामले में है दायर*…….*इस याचिका में कहा गया है कि महिलाओं के लिए कानून बने 15 साल हो गए*… *पर पीड़िताओं को नहीं मिल पाती है प्रभावी कानूनी मदद*……
