जयपुर के विधाधर नगर थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के ऑफिस में दबिश देकर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इन चारों बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने एक हाईटेक मॉडिफाइड कम्पयूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, राउटर, दो हैडफोन, 2 इयरबड, 3 एप्पल आईफोन, कई अन्य महंगे स्मार्ट फोन, 7 केडिट/ डेबिट कार्ड बरामद किए. गिरफ्तार बदमाशों के पास से पुलिस ने देशी-विदेशी 15 करोड़ से
अधिक लोगों का क्रेडिट/डेबिट डाटा, 2 करोड़ से अधिक लोगों के सोशल मीडिया के यूजरनेम, पासवर्ड और एक करोड़ से अधिक लोगों का आधार कार्ड डाटा बरामद किया है.
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि गिरफ्तारा चारों बदमाश करोड़ों रुपये की साइबर ठगी कर पैसा कमा चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि गिरफ्तार चारों बदमाश केवल 12 वीं पास हैं.
इन बदमाशों ने बिहार, तेलंगाना, जामताड़ा के साइबर ठगों से संपर्क कर हैकिंग के गुर सीखे, फिर साइबर टेक्नोलाजी के एक्सपर्ट बने और साइबर ठगी करना शुरू किया. इन बदमाशों ने यूट्यूब में हैकिंग के वीडियो देखकर साइबर ठगी-हैंकिग के तरीके सीखे.
ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार करवाते थे बाउंस
शातिर इतने थे कि अलग-अलग एप्स के माध्यम से खुद की ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते थे जिससे इनकी सही लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सकता. इन बदमाशों ने विभिन्न वेबसाइटों और एप्पस को अलग अलग साफ्टवेयर/ एप्स के माध्यम से क्रैक करके डेटा
चुराया और फिर अंतरराष्ट्रीय डेबिट/केडिट कार्ड डाटा और अन्य निजी जानकारियां निकालीं.
चारों बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि करीब 15 करोड़ लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की वैधता तिथि और सीवीवी की जानकारी उनके डेटा में सेव है. दो करोड़ से अधिक लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम के पासवर्ड को हैक किया हुआ पोग.क करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड का डाटा इन के सिस्टम में सेव मिला है.
इस तरह से पकड़े गए चारों बदमाश
चारों बदमाश विद्याधर नगर थाना इलाके में एक मकान में रहते थे. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि इस मकान में रहने वाले युवक कुछ काम नहीं करते लेकिन इनके घर में आए दिन ऑनलाइन डिलीवरी देने वालों की भीड़ लगी रहती है. ये लोग क्या काम करते हैं, कौन लोग हैं, यह किसी को जानकारी नहीं हैं. सूचना पर पुलिस टीम एक्टिव हुई और करीब 10 दिन
तक मकान और आसपास के इलाके रेकी की. फिर पुलिस ने छापा मारकर चारों बदमाशों को पकड़ा, जिनके पास से मिले उपकरणों से जानकारी सामने आई की ये लोग साइबर ठगी और हैकिंग का काम किया करते थे.
क्रिप्टो करेंसी में करते थे निवेश
पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि ये लोग डिसकोर्ड ऐप के माध्यम से ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करके ठगी करते थे. साइबर ठगी से प्राप्त पैसे को विभिन्न तरीकों से खातों में ट्रांसफर करते थे. डेबिट/ केडिट कार्ड ठगी से प्राप्त रूपयों को का निवेश किप्टों करेंसी में करते थे. सभी बैंक खातों को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है. गिरफ्तार बदमाशों के खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हैं.