राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे’, शिवसेना के इस विज्ञापन पर बरसे संजय राउत

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राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे’, शिवसेना के इस विज्ञापन पर बरसे संजय राउत

CM EKNATH SHINDE की शिवसेना की ओर से आज (13 जून, मंगलवार) हर अखबार के मुख्य पृष्ठ पर फुल पेज ऐड आया है. इस विज्ञापन में पिछले आठ-दस महीने के काम के आधार पर सीएम एकनाथ शिंदे को सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताया गया है. सर्वे के आधार पर 26.1 फीसदी लोग सीएम एकनाथ शिंदे से संतुष्ट हैं. सीएम शिंदे की लोकप्रियता देवेंद्र फडणवीस से भी ज्यादा दिखाई गई है. फडणवीस को 23.2 फीसदी जनता की पसंद बताया गया है. इस विज्ञापन में हेडिंग दी गई है- राष्ट्र में पीएम मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे. संजय राउत ने इस विज्ञापन पर कटाक्ष किया है.

ठाकरे गुट के सांसद SANJAY RAUT ने इस विज्ञापन से जुड़े सर्वे पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह सर्वे सीएम के सरकारी बंगले और उसके आस-पास किया गया या फिर गुजरात में करवाया गया है. बीजेपी की लाचारी यह है कि सीएम एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस से आगे दिखाया गया है. शिंदे गुट लगातार यह दावा करता रहा है कि उनकी शिवसेना ही BALASAHEB THACKERAY की असली शिवसेना है और विज्ञापन में बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर तक नहीं है. यानी साफ होता है कि शिंदे सेना बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं बल्कि पीएम मोदी और अमित शाह की ‘शव सेना’ है.
ठाकरे गुट के नेता विधानपरिषद में विपक्षी नेता अंबादास दानवे ने कहा कि यह विज्ञापन जनता की आंखों में धूल फेंकने वाला है. यह एक पार्टी का विज्ञापन है. PUBLIC आज उनके साथ नहीं है. विज्ञापन में जनता के दिलों में फाल्स क्लेम करके जगह बनाने का प्रयास है. एकनाथ शिंदे एक अच्छे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं. कैसे PROJECTION करना है खुद को, इसमें माहिर हैं. लेकिन राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होता, कभी-कभी छह भी होता है.
ठाकरे गुट की एक अन्य नेता नीलम गोरे ने भी कहा कि सर्वे की बातों पर उन्हें भरोसा नहीं है. असलियत में जनता ही अपने वोट से बताएगी कि कौन सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री और कौन नहीं. असली शिवसेना कौन, यह भी आगामी चुनाव में पता लग जाएगा.
छाती पर पत्थर रख BJP शिंदे को फडणवीस से लोकप्रिय मानने पर मजबूर-NCP
संजय राउत ने इस सर्वे और विज्ञापन की फंडिंग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं इसके लिए पैसा 2000 के नोटों की बंदी से तो नहीं जुटाया गया? कहीं विज्ञापन में जनता का पैसा तो नहीं बर्बाद किया गया? एनसीपी नेता रोहित पवार ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस विज्ञापन के जरिए शिंदे की सेना ने यह दिखाने की कोशिश की है कि वह बीजेपी पर निर्भर नहीं, बीजेपी उन पर निर्भर है. एकनाथ शिंदे का गुट आत्मनिर्भर और सशक्त गुट है.
एनसीपी नेता अमोल मिटकरी ने कहा कि आज क्या नौबत आ गई है कि BJP को सहयोगी पाने के लिए शिंदे को फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय मानने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने सर्वे को झूठ बताते हुए कहा कि चुनाव के बाद ‘एक था शिंदे’ की नौबत आ जाएगी. सरकार का ही पिछले दिनों एक SURVEY बताया गया था कि सिर्फ 5 फीसदी मत शिंदे गुट को मिलने वाला है.
विपक्ष के इन आरोपों पर और शिंदे को फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय बताए जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, एक ही अहमियत बढ़ने से दूसरे की अहमियत कम नहीं हो जाती. जनता के दिलों में आज भी फडणवीस राज कर रहे हैं और जनता के मन में उनके PROGRAMME में हुए कामों की यादें ताजा हैं. शिंदे की शिवसेना के नेता और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि पिछले आठ-दस महीने से राज्य सरकार शिंदे-फडणवीस सरकार के नाम से कारभार चला रही है. ऐसे में जो भी उपलब्धियां हैं, वो संयुक्त उपलब्धियां हैं. शिंदे गुट के नेता और मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि, बालासाहेब ठाकरे हमारे दिलों में हैं. जनमत के आधार पर यह सर्वे किया गया है. राउत वातावरण बिगाड़ने की कोशिश न करें, जनमत का आदर करें.
सर्वे की रिपोर्ट क्या कहती है?
सर्वे की रिपोर्ट में 30.2 फीसदी जनता की पसंद बीजेपी और 16.2 फीसदी जनता की पसंद शिवसेना बताई गई है. इस तरह शिंदे-फडणवीस सरकार को राज्य की 46.4 फीसदी जनता की पसंद बताया गया है. लेकिन सीएम के तौर पर 26.1 फीसदी जनता एकनाथ शिंदे और 23.2 फीसदी जनता फडणवीस को देखना चाहती है. 49.3 फीसदी जनता शिंदे-फडणवीस की जोड़ी को पसंद कर रही है.

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