पुणेः राकांपा (सपा) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने गुरुवार को कहा कि महिलाओं के लिए महाराष्ट्र सरकार की ‘लड़की बहन’ योजना अच्छी है लेकिन विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इसकी घोषणा और क्रियान्वयन एक ‘जुमला’ के अलावा कुछ नहीं है।
पिछले सप्ताह बजट में घोषित राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।
बारामती से सांसद ने यहां संवाददाताओं से कहा, “महाराष्ट्र चुनाव में बमुश्किल दो से तीन महीने का समय बचा है, इसलिए राज्य सरकार से ‘जुमलों’ की बौछार की उम्मीद थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने वाले हैं।
योजना के क्रियान्वयन के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा, “बढ़ती बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के मद्देनजर यह योजना अच्छी है। राज्य सरकार ने महिलाओं को सहायता देने की कोशिश की, लेकिन योजना में कई शर्तें और नियम हैं।” <
उन्होंने कहा कि यद्यपि वह इस कार्यक्रम का स्वागत करती हैं, लेकिन राज्य चुनावों से पहले इसकी शुरुआत एक ‘चुनावी जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है।
वरिष्ठ राकांपा (सपा) नेता ने कहा कि चुनाव कर्ज लेकर और सरकारी धन खर्च करके जीते जा रहे हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को, चाहे वह कोई भी हो, इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ रही है।
सुले ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों ने प्याज, दूध और चीनी से संबंधित केंद्र की निर्यात नीतियों पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की।
अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं, सुले ने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसका जवाब देना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही ये आरोप लगाए हैं। <
पिछले हफ़्ते बजट पेश होने के बाद अजित पवार ने दावा किया था कि उनके खिलाफ़ बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें साबित नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा था कि आरोप कभी साबित नहीं होंगे।
सुले ने कहा कि ट्रक भरकर सबूतों के बारे में बड़े- बड़े दावे किए गए और उनकी “तीन बहनों पर छापे मारे गए, जबकि उनका (किसी भी चीज से) कोई संबंध नहीं था।”
उन्होंने कहा, “इन छापों के लिए कौन जिम्मेदार है? सत्ता में बैठे लोग जिम्मेदार हैं। इसलिए अजित पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में जवाब महा विकास अघाड़ी (विपक्षी गुट) को नहीं देना चाहिए। यह ‘महायुति’ (भाजपा नीत सत्तारुढ़ गठबंधन) है, जिसे जवाब देना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फडणवीस सहित भाजपा नेताओं ने अजित पवार के खिलाफ ये आरोप लगाए हैं।