पाकिस्तान में प्लास्टिक बैग में बिक रही रसोई गैस: दो वक्त की रोटी के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग

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पाकिस्तान में प्लास्टिक बैग में बिक रही रसोई गैस: दो वक्त की रोटी के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग

पाकिस्तान में खाना पकाने के लिए सिलेंडर की जगह, प्लास्टिक बैग (थैलियों) में भरी गैस के इस्तेमाल का चलन बढ़ गया है। गैस पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ी दुकानों में थैलियों के अंदर गैस भरकर बेच दी जाती है। लोग छोटे इलेक्ट्रिक सक्शन पंप की मदद से इसका इस्तेमाल रसोई में करते हैं।

दरअसल, पाकिस्तान में नैचुरल गैस के रिजर्व में कमी आ गई है। इस वजह से एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी सप्लाई घटा दी है। गैस की कमी से महंगाई भी बढ़ गई है। लोगों के लिए गैस सिलिंडर खरीदना मुश्किल हो गया है। इसकी तुलना में अवैध तरीके से बिकने वाली ये थैलियां खरीदना आसान और सस्ता है।
ये जानलेवा हो सकता है, 16 की गिरफ्तारी
गैस जमा करने का ये तरीका बेहद खतरनाक है। इसमें धमाका होने का खतरा बना रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के बर्न केयर सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. कुरतुलैन के हवाले से कहा गया कि उनके सेंटर पर हर रोज करीब 8 ऐसे मरीज आते हैं, जो इन थैलियों में हुए ब्लासट में घायल हुए होते हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं होती हैं।
प्रशासन इनकी खरीद-बिक्री पर कार्रवाई करता रहता है। दिसंबर महीने में ही पेशावर से 16 दुकानदारों को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई से बचने के लिए लोग चोरी-छिपे भी कारोबार कर रहे हैं।
एक बैग में 3-4 किलो ही गैस होती है
खैबर पख्तूनख्वाह के कराक में इसका इन प्लास्टिक गैस सिलेंडर का चल ज्यादा है। यहां लड़के पैदल या मोटर साइकिल पर बहुत ही सावधानी से बड़ी-बड़ी प्लास्टिक थैलियों में गैस भरकर घर ले जाते दिख जाते हैं। देखने में ये बड़े-बड़े गुब्बारे दिखते हैं, लेकिन इसमें रसोई गैस होती है। एक घंटे के समय में एक बैग में 3 से 4 किलो तक गैस ही आती है, जिसमें खाना बमुश्किल बन पाता है।
लकड़ी-कोयले के दाम बढ़ने से भी गैस की कमी

पाकिस्तान में हर साल सर्दियों में लकड़ी और कोयले के दाम बढ़ने की वजह से गैस की कमी हो जाती है। पिछले साल की तुलना में इस साल लकड़ी और कोयले के दाम दोगुने हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध, पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा के कई शहरों में गैस बिल्कुल नहीं मिल रही है। कराची, लाहौर, हैदराबाद, मुल्तान, पेशावर और रावलपिंडी में हर दिन कई घंटों के लिए गैस सप्लाई रोकी जा रही है।

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