अंतरधार्मिक शादियों की ही होगी जांच, महाराष्ट्र में विवाह समिति पर नया जीआर, एकनाथ शिंदे सरकार का आदेश!

Share the news

अंतरधार्मिक शादियों की ही होगी जांच, महाराष्ट्र में विवाह समिति पर नया जीआर, एकनाथ शिंदे सरकार का आदेश! 

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब अंतरधार्मिक शादियों की ही जांच होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गुरुवार को एक नया जीआर जारी करके ‘अंतरजातीय-अंतरधार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तरीय)’ का नाम बदलकर इसमें से अंतरजातीय शब्द हटा दिया गया है। साथ ही, नए जीआर में समिति के सदस्यों में मुंबई से एक मुस्लिम सदस्य मुंबई के इस्लाम अली पीरजादे को शामिल किया गया है। 

नए जीआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि अंतरधार्मिक विवाह में लड़कियों या महिलाओं को कोई शिकायत होने पर उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। इस हेल्पलाइन नंबर पर होने वाली शिकायतों की जांच समिति करेगी और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार महिला एवं बाल अंतर-धार्मिक विवाह समन्वय समिति बनाने का फैसला कर महिलाओं के खिलाफ काला कानून लाना चाहती है। महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर निजी जीवन में हस्तक्षेप करना चाहती है। उन्होंने महिलाओं से इसका विरोध करने को कहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने दिया था आदेश

महाराष्ट्र में अपनी जाति और धर्म से बाहर शादी करने वालों की जानकारी जुटाई जाएगी। राज्य सरकार ने यह फैसला हाल ही श्रद्धा वालकर हत्याकांड के मद्देनजर लिया है। सरकार ने इस बारे में एक शासनादेश जारी किया है कि इसके लिए 13 सदस्यों की समिति गठित की गई है। 
इसका अध्यक्ष महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को बनाया गया है। महिला और बाल विकास विभाग आयुक्तालय, पुणे की उपायुक्त इस समिति की सचिव हैं। हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और इसे लोगों की जासूसी करने वाला कदम बताया है। लेकिन लोढ़ा ने कहा कि समिति के काम का दायरा बहुत छोटा है और श्रद्धा वालकर जैसे मामले न होने देने की एक कोशिश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *