सुखपाल खैरा, जो पंजाब कांग्रेस के विधायक हैं, ने 2015 में एक ड्रग केस में हिरासत में लिए जाने का सामना किया है। यह घटना पंजाब राज्य के राजनीतिक संवाद में बड़ा मुद्दा बन गई है।
2015 में उनकी गिरफ्तारी का समय वह राज्य कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे, जिन्होंने पंजाब के राजनीतिक मंच पर अपना प्रमुख योगदान दिया था। ड्रग केस में उनके नाम पर गंभीर आरोप थे, जिसका असर पंजाब की सामाजिक और सिआसी दृष्टिकोण पर पड़ा।
सुखपाल खैरा के गिरफ्तार होने के बाद, उनके समर्थन में और विरोध में दोनों ही तरफ के लोगों द्वारा प्रदर्शन और संघर्ष की घटनाएँ घटीं। इस घटना के परिणामस्वरूप, पंजाब के राजनीतिक मांचक में तनाव बढ़ गया और विधायक खैरा के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए।
यह घटना भारतीय राजनीति के प्रति लोगों की चिंता को भी दरकिनार किया, क्योंकि यह ड्रग व्यापार और नामांकन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अब, इस मामले की विचारणा और न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार है, जिसका परिणाम यह तय करेगा कि सुखपाल खैरा के खिलाफ क्या कदम उठाया जाता है। इसके साथ ही, यह घटना पंजाब राज्य के राजनीतिक प्रतिकूल फसाद की चिंता को भी बढ़ा देती है, जिसका समाधान और सुरक्षित राजनीतिक माहौल बनाना महत्वपूर्ण है।